ज्योतिष में बुध ग्रह

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नवग्रह | ज्योतिष में बुध ग्रह

यह एक नपुंसक जाति, श्यामवर्ण, उत्तर दिशा का स्वामी, त्रिदोष प्रकृति का व प्रथ्वी तत्व वाला ग्रह है। बुध जातक की कुंडली में बहन व बुआ का प्रतिनिधित्व बुध करता है। बुध ग्रह  मिथुन व कन्या दो राशियों का स्वामी है।


यदि बुध कन्या अथवा मिथुन राशि में स्थित हो तो उसे स्वग्रही अथवा स्वक्षेत्री कहा जाएगा।


यदि बुध ग्रह कन्या राशि में 1 डिग्री से 18 डिग्री तक बुध का मूल त्रिकोण तथा उससे आगे 19 डिग्री से 30 डिग्री तक सव ग्रह माना जाता है। कन्या राशि के 15 अंश तक बुध उच्च का तथा मीन राशि के 15 अंश तक नीच का होता है।


बुध एक शुभ ग्रह है।


बुध ग्रह एक शुभ ग्रह है। जिस जातक की कुंडली में बुध अच्छी स्थिति में होता है वह जातक अच्छा व्यवसायी होता है। तथा उसे अपनी बहनों का पूर्ण सुख प्राप्त होता है। बुध एक शीघ्रगामी गृह है यह एक राशि को पार करने में लगभग एक महीना लगाता है।

पीड़ित अवस्था होने पर बुध त्वचा संबंधी विकार देता है इसके अलावा बुध ग्रह से गूंगापन, बुद्धिभृम, विवेक शक्ति, जिव्हा तथा तालु आदि शब्द के उच्चारण से संबंधित अवयव का विचार किया जाता है। जिस जातक की कुंडली में बुध ग्रह शुभ स्थिति में होता है। वह अच्छा गणितज्ञ हो सकता है। वह लेखक हो सकता है

 

बुध ग्रह बुद्धि का प्रबल कारक


बुध हमारी कुंडली का बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह है। क्योंकि बुध को बुद्धि का प्रबल कारक माना जाता है और बुद्धि के बिना मनुष्य कोई काम ठीक से नहीं कर पाता। जिस जातक की कुंडली में बहुत बुध अच्छा होता है वह जातक बहुत ही बुद्धिमान होता है तथा गणित में प्रवीण होता है हिसाब किताब से संबंधित सभी कार्य वह बहुत अच्छी प्रकार से कर लेता है।

बुध हमारी कुंडली में बहन बुआ बेटी का प्रतीक होता है और जिन लोगों की कुंडली में बहुत अच्छे अवस्था में होता है उन लोगों को अपनी बहन, बुआ, बेटी का पूर्ण सुख प्राप्त होता है तथा उनकी बहन, बुआ और बेटी हमेशा सुखी रहते हैं।


वाणी का भी प्रबल कारक

बुध हमारी कुंडली में वाणी का भी प्रबल कारक है जिन बच्चों की कुंडली में बुध अच्छा होता है वह बोलने की कला में प्रवीण होते हैं। इसके अलावा जिन जातकों की कुंडली में बुध अच्छा होता है उनकी त्वचा में एक अलग सी चमक होती है वह हमेशा अपनी उम्र से कम दिखाई देते हैं

उन पर बढ़ती उमृ का प्रभाव नहीं होता। क्योंकि बुध हमारी कुंडली में त्वचा का भी कारक होता है। अच्छे बुध वाला जातक एक सफल व्यापारी होता है। यह सभी लक्षण तो उत्तम पाए जाते हैं जब हमारी कुंडली में बुध बहुत अच्छे अवस्था में होता है यानी हमारी कुंडली में बुध कुछ कहो स्वराशि हो, शुभ ग्रहों से दृष्ट होकर केंद्र या त्रिकोण से संबंध बनाए।

 

अशुभ बुध ग्रह के प्रभाव


जब बुध हमारी कुंडली में अशुभ अवस्था में होता है वह तो हमें क्या-क्या परिणाम देता है यानी बुध हमारी कुंडली में नीच का हो, अशुभ ग्रहों से दृष्ट हो या 6,8,12 भावों से संबंध बनाए तब हमें बहुत ही खराब परिणाम प्राप्त होते हैं बुध की उच्च राशि कन्या तथा नीच राशि मीन है


अशुभ बुध ग्रह का प्रभाव


यदि छोटे बच्चों की कुंडली में बुध खराब अवस्था में होता है तो उनका मन गणित व विज्ञान जैसे विषयों में नहीं लगता। क्योंकि वह हमारी कुंडली में गणित व विज्ञान विषयों का भी कारक होता है। ऐसे में हमें बुध के उपायों की आवश्यकता होती है


इसके अलावा जिन जातकों की कुंडली में बुध खराब होता है उन छात्रों को बहनों का सुख प्राप्त नहीं होता और यदि उनकी बहन होती भी हैं तो वह किसी न किसी परेशानी में ही रहती है। तथा उनका जीवन सुखी नहीं होता।


बुध खराब वाले जातकों को अपनी त्वचा से संबंधित कोई  कोई रोग अवश्य होता है।


यदि आप का व्यापार ठीक प्रकार से नहीं चल रहा है और उसमें हमेशा कोई न कोई परेशानी लगी रहती है तो आप यह समझें कि आपकी कुंडली में बुध अच्छा फल नहीं दे रहा है तथा आपको बुध के उपाय करने की आवश्यकता है क्योंकि बुध व्यापार का भी प्रबल कारक होता है।


बुध से संबंधित कुछ उपाय


1.    रोजाना रात को फिटकरी के पानी में दो मुट्ठी साबुत मूंग की दाल भिगोए और सुबह पक्षियों को डालें।
2.    प्रत्येक बुधवार को गाय को पालक खिलाने से बुध का अशुभ प्रभाव दूर होता है।
3.    बुध खराब वाले जातक को पन्ना कभी नहीं पहनना चाहिए।
4.    बुध खराब के कारण आपके दांतों में कोई समस्या उत्पन्न हो रही है तो एक चुटकी फिटकरी को तवे पर गर्म कीजिए जब यह फूल जाए तो रोजाना उसे अपने दांतों पर मसलिए  दांतों के रोग में आराम मिलेगा। क्योंकि कभी कभी आपकी कुंडली बुध खराब होने के कारण दातों में भी परेशानी उत्पन्न करता है।

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