दीपावली 2020

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  • 12th Nov 2020

दीपावली 2020

दीपावली महोत्सव हमारे देश भारत में 5 दिनों तक बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। वर्ष 2020 में यह दीपोत्सव 12 नवंबर वीरवार से प्रारंभ होकर 16 नवंबर तक चलेगा। इस दीपोत्सव का प्रारंभ धन त्रयोदशी से होता है। तथा समाप्ति यम द्वितीया यानी भाई दूज पर होती है।

दीपावली महोत्सव के 5 दिन हमें जीवन में काम आने वाले पांच महत्वपूर्ण संदेश देते हैं। यह महोत्सव हमें स्वास्थ्य, मृत्यु, धन, प्रकृति, प्रेम और सद्भाव के महत्व का संदेश देता है।

 

धनतेरस 12-13 नवंबर 2020

 

नरक चतुर्दशी 14 नवंबर 2020 (शनिवार)

वर्ष 2020 में नरक चतुर्दशी का पर्व 14 नवंबर शनिवार को मनाया जाएगा। दीपावली महोत्सव का दूसरा दिन नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को नरक चौदस या रूप चौदस भी कहते हैं। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को धर्मराज यम की पूजा करके दीपदान किया जाता है। नरक चतुर्दशी हमें यह संदेश देती है कि मृत्यु एक शाश्वत सत्य है। तथा अंतिम गति भी है जो हमेशा याद रखना चाहिए।

धर्मराज यम को याद करते हुए दीपदान करने से असमय मृत्यु के भय से भी मुक्ति मिलती है।

इस दिन सूर्योदय से पूर्व उबटन लगाकर स्नानादि किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने पर रुप तथा सौंदर्य की वृद्धि होती है। इसी कारणवश इस दिन को रूप चौदस भी कहते हैं।

कहते हैं कि नरक चतुर्दशी के दिन ही भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके 16,100 कन्याओं को उसके बंदी गृह से मुक्त किया था इसी उपलक्ष में दीए जलाए जाते हैं।

 

अभय दान /दिवाली स्नान अनुष्ठान शुभ मुहूर्त

 14 नवंबर 2020 प्रातः 5:23 से 6:43 तक

 

 

दीपावली /लक्ष्मी पूजा 14 नवंबर 2020 (शनिवार)

 

कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या का दिन दीपावली और लक्ष्मी पूजा के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि धन ऐश्वर्य समृद्धि की देवी महालक्ष्मी का प्रादुर्भाव इसी दिन हुआ था। इसीलिए इस दिन महालक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि इसे दिन भगवान राम सीता माता और लक्ष्मण जी के साथ रावण का वध करके तथा 14 वर्ष का वनवास पूरा करके इस दिन अयोध्या वापस आए थे। इसी खुशी में सब देशवासियों ने दीए जलाए थे तभी से यह दिन दीपावली के रूप में मनाया जाता है।

वर्ष 2020 में दीपावली यानी लक्ष्मी पूजा का पर्व 14 नवंबर शनिवार को मनाया जाएगा। माता लक्ष्मी की पूजा करने से पूर्व प्रथम पूज्य देव गणेश जी की पूजा करने का भी विधान है। गणेश जी और लक्ष्मी जी के साथ माता सरस्वती की पूजा भी की जाती है। ऐसी मान्यता है की लक्ष्मी जी की पूजा करने से हमें सुख संपत्ति धन ऐश्वर्य आदि की प्राप्ति होती है। परंतु ऐसे धन की प्राप्ति होने से पूर्व, बुद्धि के देवता गणेश जी तथा ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा इसलिए की जाती है, ताकि हम सद्बुद्धि के साथ ज्ञान पूर्वक धन का उचित प्रयोग कर सकें।

AskAchrya.Com के ज्योतिषाचार्य राखी ने बताया कि लक्ष्मी पूजन प्रदोषयुक्त अमावस्या को स्थिर लग्न, और स्थिर नवांश में किया जाना श्रेष्ठ माना गया है।

 

लक्ष्मी पूजा 2020: सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त

 

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त

14 नवंबर की शाम 5:28 से शाम 7:24 तक। (वृषभ काल)

लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त शाम 5:49 से 6:02 बजे तक रहेगा।

प्रदोष काल शाम 5:33 से रात 8:12 तक रहेगा।

 

14 नवंबर दिवाली के  पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। शनिवार को प्रदोष काल में स्वाति से बना सिद्धि योग कार्य सफलता के लिए अच्छा माना गया है।

 

लक्ष्मी पूजा 2020: चौघड़िया मुहूर्त

दोपहर: (लाभ, अमृत) 14 नवंबर की दोपहर 02:17 से शाम को 04:07 तक।

शाम: (लाभ) 14 नवंबर की शाम को 05:28 से शाम 07:07 तक।

 

 

गोवर्धन पूजा, विश्वकर्मा पूजा 14 नवंबर 2020

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष  की प्रथमा तिथि को गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा हमें प्रकृति तथा विभिन्न पशु पक्षियों का महत्व बताती है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठाकर गांव वासियों की इंद्र देवता के प्रकोप से रक्षा की थी।

इस दिन लोग गाय बैल आदि की पूजा  करते हैं मंदिरों तथा विभिन्न स्थानों पर अन्नकूट का आयोजन किया जाता है। जिसका भोग भगवान को अर्पित करके प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। यह दिन विश्वकर्मा पूजा के रूप में भी मनाया जाता है। एक दिन विभिन्न कलाकार तथा कारीगर अपने औजारों तथा उपकरणों की पूजा भी करते हैं। वर्ष 2020 के दीपोत्सव का चौथा दिन इस बार 15 नवंबर रविवार को गोवर्धन पूजा तथा विश्वकर्मा पूजा के रूप में मनाया जाएगा।

 

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त

 

15 नवंबर 2020 दोपहर 3:18 से शाम 5:27 तक

 

 

भाई दूज या यम द्वितीया 15 नवंबर 2020

 

दीपावली महोत्सव का पांचवा दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को यम द्वितीया भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन धर्मराज यमराज अपनी बहन  यमुना के घर गए थे उनकी बहन ने अपने भाई का तिलक करके भोजन कराया था। तथा उनकी लंबी उम्र की कामना की थी। तभी से यह त्यौहार भाई दूज के रूप में भी मनाया जाता है।

इस वर्ष 2020 को भाई दूज का पर्व 16 नवंबर सोमवार को बनाया जाएगा भाई दूज का पर्व प्रेम तथा सद्भाव का संदेश देता है।

 

भाई दूज तिलक का शुभ मुहूर्त

16 नवंबर 2020 दोपहर 1:10 से 3:18 तक

 

आपको दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाये 

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