सूर्य ग्रहण | 2020

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  • 12th Jun 2020

सूर्य ग्रहण | 2020

साल 2020 की सबसे बड़ी खगोलीय घटना जून माह की 21 तारीख को होने जा रही है। इस दिन साल 2009 के बाद अब तक का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण होगा। ग्रहण के दौरान सूर्य का लगभग 88% हिस्सा चंद्रमा द्वारा ढक लिया जाएगा।

 

सूर्य ग्रहण | 2020


जब चंद्रमा धरती और सूर्य के बीच आ जाता है तो चंद्रमा  की छाया धरती पर पड़ती है। जिस जगह पर यह छाया पड़ती है वहां आंशिक रूप से अंधेरा हो जाता है इसी घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं।


सूर्य ग्रहण तीन प्रकार का होता है

 

1- पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse)
2- आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse)
3- वलयाकार सूर्यग्रहण (Annular Solar Eclipse)

 

ग्रहण के बारे मे ओर अधिक जानने के लिए जैसे:

ग्रहण क्या है? सूर्य ग्रहण क्या है?  सूर्य ग्रहण कब होता है? सूर्य ग्रहण के लिए शर्तें, सूर्य ग्रहण कितने प्रकार का होता है , क्या है चंद्रग्रहण? चंद्र ग्रहण की शर्तें, चंद्र ग्रहण के प्रकार सब के बारे मे  जानने के लिए यहा CLICK करे 

 

सूर्य ग्रहण 2020 (Solar Eclipse 2020) का दिन, समय और स्थान

 

सूर्य ग्रहण 2020 का दिन व वार - 21 जून रविवार

सूर्य ग्रहण 2020 का समय - 10:13  AM

सूर्य ग्रहण का मध्य - 12:11  PM

ग्रहण समाप्ति काल – 02:01 PM

 

कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण

यह सूर्य ग्रहण भारत, दक्षिण पूर्वी यूरोप, अफ्रीका, अफगानिस्तान,चीन, बर्मा व पाकिस्तान में दिखाई देगा

 

ग्रहण का सूतक काल


2020 का भारत में दिखाई देने वाला एकमात्र सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 को होगा। 21 तारीख रविवार को सुबह 10:13 से 02:01 बजे तक यह सूर्य ग्रहण रहेगा। सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 12 घंटे पूर्व लग जाता है। यह सूतक काल ग्रहण के समाप्त होते ही समाप्त हो जाता है। सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते। ग्रहण समाप्ति के पश्चात की कोई भी शुभ कार्य करना चाहिए।

 

 

सूर्य ग्रहण के पश्चात स्नान व दान आदि का महत्व :

सूर्य ग्रहण के पश्चात स्नान व दान आदि का बहुत ही महत्व है:

  • ग्रहण समाप्ति के पश्चात स्नान अवश्य करना चाहिए।
  • यह स्नान पवित्र नदियों जैसे गंगा, यमुना, कावेरी, सरस्वती आदि में करना अति उत्तम है। इसके अतिरिक्त यह संभव ना होने पर स्नान किसी तालाब या कुंड आदि में भी किया जा सकता है।
  • यह भी संभव ना हो तो घर मैं स्नान करते समय तीर्थ जल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
  • स्नानादि से निवृत्त होकर घर में गंगा जल का छिड़काव करके शुद्धीकरण करना चाहिए।
  • घर मे पीने का पानी बदल देना चाहिए।
  • ग्रहण के बाद जरूरतमंद व्यक्ति तथा भूखे लोगों को दान करना बहुत अच्छा है।
  • अनाज, तेल, धनराशि, कपास, कंबल आदि का दान किया जा सकता है।
  • मच्छरदानी का दान करना अति उत्तम माना गया है।

 

 

ग्रहण काल में तुलसी का महत्व और प्रयोग

 

ग्रहण के समय तुलसी के पौधे का अत्यधिक महत्व है। ग्रहण काल का सूतक लगने से पहले ही तुलसी दल को सभी चीजों में डाल देना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सभी खाद्य वस्तुओं दूषित हो जाती है। परंतु तुलसी के पत्ते डाल देने से उनकी शुद्धता बनी रहती है। अतः खाने पीने की वस्तुओं में सूतक काल के दौरान तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए।

ध्यान देने योग्य बात यह है कि तुलसी के पौधे को स्पर्श करना सूतक काल में निषेध है। अतः तुलसी के पत्तों को सूतक काल लगने से पूर्व ही तोड़ लेना चाहिए। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि ग्रहण के उपरांत तुलसी के सभी पत्ते सभी वस्तुओं से निकाल लें।

 

 

ग्रहण काल के दौरान बरतें कुछ सावधानियां

 

ग्रहण काल के दौरान निम्न सावधानियां बरतें।

 

  1. सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए।
  2. यदि आप ग्रहण को देखना ही चाहते हैं तो इस दौरान प्रयोग किए जाने वाले चश्मे का प्रयोग करके ही ग्रहण को देखें।
  3. गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण काल के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए।
  4. ग्रहण काल के दौरान चाकू छुरी इत्यादि किसी भी धारदार नुकीली वस्तु का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  5. ग्रहण काल के दौरान किसी भी प्रकार का शुभ कार्य करना निषेध माना गया है।
  6. ग्रहण के समय स्नान करना तथा विधिवत किसी भी प्रकार की पूजा करना या मूर्ति को स्पर्श करना नहीं चाहिए।
  7. ऐसी मान्यता है कि ग्रहण काल के दौरान भोजन या पानी भी नहीं लेना चाहिए परंतु बीमार, बूढ़े तथा छोटे बच्चों के लिए यह अपवाद है।
  8. ग्रहण के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना लाभकारी है।
  9. ग्रहण काल के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी अच्छा माना जाता है।

 

सूर्य ग्रहण का विभिन्न राशियों पर प्रभाव

 

ग्रहण जिन नक्षत्र मे होता है उन राशी वालों को हानि पहुँचाता है। यह ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र से शुरू होकर आद्रा नक्षत्र मे समाप्त होगा। इस लिए मृगशिरा ओर आद्रा नक्षत्र के लिय अशुभ रहेगा।

 

सूर्य ग्रहण का आप की राशी पर क्या प्रभाव पड़ेगा आइये जानते है।

 

मेष राशि - मेष राशि वालों के लिए यह सूर्य ग्रहण सफलता के संकेत लेकर आया है मेष जातकों को पद तथा सम्मान की प्राप्ति का योग है।

वृषभ राशि - सूर्य ग्रहण से वृषभ राशि वालों को व्यापार में धन की हानि होने की संभावना है। इसके साथ-साथ यश की हानि होने के कारण विभिन्न प्रकार की परेशानियां आ सकती हैं।

मिथुन राशि - इन जातकों के लिए दुर्घटना की आशंका का योग है। मिथुन राशि वाले जातकों पर आने वाले सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा असर होगा।

कर्क राशि - कर्क राशि वाले जातकों को संपत्ति की हानि होगी इसके साथ साथ किसी प्रकार की चोट लगने की भी आशंका है।

सिंह राशि - सिंह राशि वाले जातकों को किसी प्रकार के लाभ की प्राप्ति होने की संभावना है। जीवनसाथी को किसी अन्य कारण से सुख प्राप्त होगा।

कन्या राशि - आने वाला सूर्य ग्रहण कन्या राशि वालों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। कहीं से शुभ समाचार मिलने की संभावना है परिश्रम के सुखद परिणाम भी मिलेंगे।

तुला राशि - तुला राशि वाले जातकों को अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। अन्यथा वह किसी प्रकार के झगड़े या वाद विवाद में उलझ सकते हैं।

वृश्चिक राशि - वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए यह सूर्यग्रहण हानिकारक व कष्टदायक साबित हो सकता है। इन जातकों पर विभिन्न प्रकार की परेशानियों का योग बना हुआ है।

धनु राशि - धनु राशि वाले जातकों के जीवन साथी को किसी प्रकार के कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही स्त्री से पीड़ा का योग भी बना हुआ है।

मकर राशि - मकर राशि वाले जातकों के लिए सूर्य ग्रहण शुभकारी साबित हो सकता है। इसी प्रकार का लाभ और शुभ समाचार मिलने की संभावना है।

कुंभ राशि - कुंभ राशि के जातकों के जीवन में यह सूर्य ग्रहण चिंता की वृद्धि की संभावना लेकर आया है। किसी प्रकार का तनाव और मानसिक परेशानी इन जातकों को घेर सकती है।

मीन राशि - मीन राशि वालों को किसी प्रकार की परेशानी व बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। बीमारी के कारण खर्चों की अधिकता भी रहने की संभावना है।

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