इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी 2020 दिन बुधवार को मनाया जाएगा।
जब सूर्य या कोई भी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति पर्व भगवान सूर्य से जुड़ा है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनि देव से पहले की नाराजगी भुलाकर उनके घर गए थे। मकर संक्रांति भगवान सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने का संधि काल है। सूर्य के उत्तरायण काल से ही विभिन्न प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य किए जाते हैं।
सूर्य के उत्तरायण होने का सभी राशियों पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उत्तरायण सूर्य आराधना मात्र से ही कुंडली में ग्रहों की हर प्रकार की प्रतिकूलता समाप्त हो जाती है।
इस वर्ष सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी 2020 की मध्य रात्रि के बाद रात लगभग 2:07 पर हो रहा है। यदि मकर संक्रांति का पर्व शाम को हो तो इसे अगले दिन मनाया जाता है। इस वर्ष सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात को हो रहा है। अतः मकर संक्रांति दूसरे दिन सुबह यानी 15 जनवरी 2020 को मान्य होगी।
इस दिन पवित्र नदियों में किया गया स्नान, दान, पूजा आदि का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर आदित्य हृदय स्त्रोत, पुरुष सूक्त, नारायण कवच का पाठ करना अति उत्तम है।
मकर संक्रांति के दिन गरीब और जरूरतमंदों को दान देने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन तिल, गुड, खिचड़ी आदि का भोग भगवान को लगाकर उसे बांटना अति पुण्य कारी है।
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