नवरात्रि | मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना: नवरात्र वर्ष में दो बार मनाए जाते हैं चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्र चैत्र नवरात्रि वर्ष के प्रारंभ में आते हैं। वसंत ऋतु में आने के कारण इन्हें वसंती नवरात्रि भी कहा जाता है।
इन नौ दिनों मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि की नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की उपासना करके विशेष फल प्राप्त किया जा सकता है।
इन रातों में तीन देवियों-- देवी पार्वती, देवीलक्ष्मी और देवी सरस्वती के नौ रूपों की पूजा की जाती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं। देवी दुर्गा के नौ रूप है -शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता ,कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।
ऐसी मान्यता है कि मां इन 9 दिनों में स्वर्ग से धरती पर रहने आती है। चैत्र नवरात्रि के पहले 3 दिनों में ऊर्जा और कर्म की देवी मां पार्वती की आराधना की जाती है। अगले 3 दिन धन की देवी महालक्ष्मी को समर्पित हैं और अंतिम 3 दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की आराधना की जाती है। नवरात्र में भक्तगण उपवास रखकर मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करते हैं और मनोवांछित फल प्राप्त करते हैं।
चैत्र नवरात्रि से हिंदू नव वर्ष का भी आरंभ होता है। इस कारणवश भी चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। साथ ही साथ अनेक विशिष्ट संयोग भी साल 2022 के चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन बन रहे हैं।
वर्ष 2022 में चैत्र नवरात्रि का पर्व 2 अप्रैल शनिवार से प्रारंभ होकर 10 अप्रैल रविवार तक मनाया जाएगा।
बन रहा है ग्रहों की दशा का दुर्लभ योग
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नव वर्ष नव संवत्सर 2079 आरंभ होगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बने हुए हैं जो कि सुबह 6:10 बजे तक ही रहेंगे।
इस साल नव संवत्सर की शुरुआत शनिवार से हो रही है अतः शनिदेव नव संवत्सर के राजा होंगे और मंत्री गुरुदेव बृहस्पति होंगे।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हिंदू नव वर्ष की कुंडली में शनि व मंगल की युति होने से भाग्य में वृद्धि तथा धन लाभ होने की अति संभावना है। नवरात्र में तिथि की घटने या बढ़ने ना होने से नवरात्रि पर्व पूरे 9 दिन का होगा। इसी कारणवश यह अखंड नवरात्रि सुख समृद्धि देने वाले होंगे।
नवरात्रि केवल उपवास और मां दुर्गा की आराधना करने का ही उत्सव नहीं है बल्कि इन 9 दिनों में हमें अपने मन के सभी अशुद्धियों जैसे द्वेष, लोभ, लालच, घमंड आदि प्रवृत्तियों को दूर करके अपने सभी सकारात्मक गुणों को बढ़ाने का शुभ अवसर भी मिलता है।
अतः आपके उपासना करने की विधि कोई भी हो परंतु अपने मन की इन बुराइयों को दूर करना ही वास्तव में मां की सही अर्थ में आराधना करना है।
नवरात्र रोगो और आपदाओं का सामना करने की शक्ति प्राप्त करने का पर्व: नवरात्र रोगो और आपदाओं का सामना करने की शक्ति प्राप्त करने का पर्व भी है। मां की आराधना हमें कठिन परिस्थितियों में भी विश्वास के साथ साथ सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना सिखाती है।
मां की आराधना करने वाले भक्तों का अहंकार नष्ट होता है और उसे असीम मानसिक शांति और तृप्ति की प्राप्ति होती है।
घटस्थापना नवरात्रि के पहले दिन की जाती है। घट स्थापना का नवरात्रि में विशेष महत्व है जो कि ब्रह्मांड का प्रतीक है। इसकी स्थापना पवित्र स्थान पर शुभ मुहूर्त में ही की जानी चाहिए। ऐसा करने पर घर में व्याप्त हर प्रकार की नकारात्मकता का नाश होता है और खुशहाली आती है।
कलश स्थापना : दिन और शुभ मुहूर्त (02-04-2022 शनिवार)
प्रातः -- 6:10 बजे से 8:31 बजे तक (अवधि 2 घंटे 21 मिनट)
अभिजीत मुहूर्त: -- दोपहर 12:00 बजे से 12:50 बजे तक
नवरात्रि:-- मंत्र उच्चारण द्वारा विषाणुओ का नाश
नवरात्रि के नौ शुभ दिनों में पूजा पाठ, हवन, मंत्र उच्चारण आदि से संपूर्ण वायुमंडल में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। विभिन्न प्रकार के विभिन्न मंत्रों का जाप करने से कई प्रकार की शारीरिक तथा मानसिक व्याधियों का नाश होता है। इसके साथ-साथ भक्तों की विभिन्न मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सच्चे मन से मां भगवती की आराधना करने पर मां रोग शोक रूपी दैत्यों का संहार करती है और समस्त मानव जाति और जगत की रक्षा करती है।
महामारी के नाश के लिए लाभ कारी मंत्र
ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते
आरोग्य और सौभाग्य के लिए लाभ कारी मंत्र
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्
रूपम देही जयम देही यशो देही दृश्य जही
सर्व कल्याण के लिए लाभ कारी मंत्र
सर्व मंगल मांगल्ए शिवे सर्वार्थ साधिके
शरण्ए त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते
चैत्र नवरात्रि 2022
2 अप्रैल 2022 शनिवार पहला नवरात्रि मां शैलपुत्री
3 अप्रैल 2022 रविवार दूसरा नवरात्रि मा ब्रह्मचारिणी
4 अप्रैल 2022 सोमवार तीसरा नवरात्रि मां चंद्रघंटा
5 अप्रैल 2022 मंगलवार चौथा नवरात्रि मां कुष्मांडा
6 अप्रैल 2022 बुधवार पांचवा नवरात्रि मां स्कंदमाता
7 अप्रैल 2022 वीरवार छटा नवरात्रि मां कात्यायनी
8 अप्रैल 2022 शुक्रवार सातवा नवरात्रि मां कालरात्रि
9 अप्रैल 2022 शनिवार आठवां नवरात्रि दुर्गा अष्टमी, मां महागौरी
10 अप्रैल 2022 रविवार नोवा नवरात्रि मां सिद्धिदात्री, रामनवमी
21st Oct 2022
10th Oct 2022
25th Sep 2022
10th Sep 2022
2nd Apr 2022
28th Feb 2022
5th Feb 2022
9th Jan 2022
18th Nov 2021
31st Oct 2021
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