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मां शैलपुत्री पूजा: नवरात्रि के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ गया। माता नंदी की सवारी करती है मां के दाएं हाथ में त्रिशूल तथा बाएं हाथ में कमल का फूल है। मां अपने दाएं हाथ के त्रिशूल से भक्तों को अभय दान देती है, और दुष्टों का विनाश करती हैं। बाएं हाथ में सुशोभित कमल का फूल ज्ञान और शांति का प्रतीक है।
नवरात्रि के प्रथम दिन पीले रंग का प्रयोग करना चाहिए पीला रंग चमक हर्षोल्लास और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसके अतिरिक्त किसी भी नए शुभ कार्य की स्थापना में भी हम पीले रंग जैसे हल्दी का प्रयोग करते हैं। नवरात्रि के प्रथम दिन माता शैलपुत्री के चरणों में गाय का शुद्ध घी अर्पित करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।
मां शैलपुत्री की पूजा करने से पूर्व विधिवत रूप से घट स्थापना करनी चाहिए। इसके पश्चात मां की श्रद्धा पूर्वक आराधना करने से भक्तों को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। तथा उनके सभी कष्ट दूर होते हैं।
ओम् शं शैलपुत्री देव्यै: नम:
9th May 2024
8th Apr 2024
7th Mar 2024
13th Jan 2024
11th Oct 2023
29th Sep 2023
24th Aug 2023
Sunil Mehtani is a renowed, Experienced Professioally qualified Vastu Expert & Astrologer. He has gained trust of many satisfied clients due to his expertise in the field of Vastu Shastra & Astrology
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