शनि जयंती 22 मई 2020

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शनि जयंती 22 मई 2020

इस साल 22 मई 2020 को शनि जयंती मनाई जाएगी। इस बार शनि जयंती को 172 साल बाद एक दुर्लभ संजोग बन रहा है 4 ग्रह सूर्य, चंद्र, बुध और शुक्र ग्रह - शुक्र ग्रह की राशि वृष में एक साथ विराजमान रहेंगे और बृहस्पति महाराज शनिदेव की राशि मकर में शनि देव के साथ विराजमान रहेंगे।

 

क्या है शनि जयंती?

शनि जयंती ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाई जाती है। शनि  अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा करने पर शनि के कोप से मुक्ति मिलती है।
अगर आप शनि के प्रकोप से पीड़ित है तो यह दिन आपके लिए बहुत ही कल्याणकारी साबित हो सकता है।

 

शनि वैदिक ज्योतिष मे

शनि देव भगवान सूर्य और छाया की संतान है। शनि देव को एक क्रूर ग्रह माना गया है। शनिदेव गिद की सवारी करते हैं। वैदिक ज्योतिष में 9 ग्रहो शनि का का सातवां स्थान है। शनि एक राशि में लगभग ढाई वर्ष रहते हैं। शनि मकर एवं कुंभ राशियों के स्वामी है। शनि ग्रह की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पृथ्वी से लगभग 95 गुना अधिक है। शनि ग्रह को न्यायाधीश माना गया है। यह एक न्याय प्रिय देवता है शनि की दशा में व्यक्ति को न्याय मिलता है। यदि व्यक्ति ने कोई चोरी, धोखाधड़ी, कोई बुरा काम, किसी को नुकसान पुहचाना, बुरे विचार, मन में किसी के लिए दुर्भावना रखना, इत्यादि नहीं किया है तो आपको शनि देव से घबराने की कोई भी आवश्यकता नहीं है।


स्कंदपुराण के अनुसार शनि देव


स्कंदपुराण की कथा के अनुसार राजा दक्ष की पुत्री संज्ञा का विवाह सूर्य देवता के साथ हुआ। इसके बाद संज्ञा ने वैवस्वत मनु, यमराज और यमुना को जन्म दिया। सूर्य का तेज बहुत ज्यादा होने से संज्ञा परेशान रहने लगी। जब उससे बर्दास्त होना मुश्किल हो गया तो संज्ञा अपनी छाया सूर्य के पास छोड़कर तपस्या करने चली गई। ये बात सूर्य को पता नहीं थी। इसके बाद छाया और सूर्य से भी 3 संतान हुई। जो कि शनिदेव  मनु और भद्रा (ताप्ती नदी) थी। छाया पुत्र होने से शनिदेव का रंग काला है। छाया के व्ययहवार के कारण जब भगवान सूर्य को छाया के बारे में पता चला तो उन्होंने छाया को श्राप दे दिया। इसके बाद शनिदेव और सूर्य पिता-पुत्र होने के बाद भी एक-दूसरे के शत्रु हो गए।


न्यायाधीश ग्रह शनि


शनि जी हमारी अच्छे एवं कर्मों का फल देते हैं। शनि देव जी का असर काफी प्रभावशाली है। शनि देव जी के अशुभ प्रभाव से चोट, दुर्घटना, कर्जा, बिजनेस में नुकसान, रोग, धन की हानि, विवाद, कोर्ट केस, जेल, परिवारजनों में बैर आदि की संभावना बढ़ जाती है। शनि के अच्छे फलो से नौकरी में तरक्की, व्यापार में धन लाभ, राजनीति में लाभ, बड़ा पद, तरक्की, प्रॉपर्टी व अन्य धन्य लाभ की प्राप्ति होती है।

 

शनिदेव को खुश करने के 13 उपाय


शनिदेव को खुश करने के लिय निम्न उपाय करे:

  1. शनि देव जी के मंत्रों का जाप करें।
  2. शनि देव जी को सरसों का तेल चढ़ाएं एवं उड़द की दाल का दान करें।
  3. शनि देव जी की पूजा काल में करने का विधान है।
  4. शनिदेव की पूजा में शमी पेड़ के पत्ते एवं अपराजिता के नीले फूलों का इस्तेमाल करें।
  5. काले तिल, लोहा, काला कंबल, बदाम, काली उड़द का दान करें।
  6. सूर्य उदय से पहले शरीर में सरसों के तेल की मालिश करें।
  7. शनि देव एवं हनुमान जी के दर्शन करें।
  8. शनि जयंती के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें
  9. यदि संभव हो तो इस दिन यात्रा ना करें।
  10. जरूरतमंद गरीब व्यक्तियों को दान दें यदि संभव हो तो सरसों के तेल से बनी वस्तुओं का दान करें।
  11. बुजुर्गों का विशेषकर ख्याल रखें।
  12. प्रतिदिन सूर्य की पूजा करने हैं तो शनि जयंती वाले दिन सूर्य देव की पूजा ना करें।
  13. हमेशा ध्यान रखें की शनि देव जी के दर्शन करते समय उनकी आंखों में नहीं उनके चरणों में ध्यान लगाना है।
     
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