5 जुलाई चंद्र ग्रहण और गुरु पूर्णिमा का संयोग

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  • 4th Jul 2020

5 जुलाई चंद्र ग्रहण और गुरु पूर्णिमा का संयोग

5 जुलाई दिन रविवार 2020 को चंद्र ग्रहण और गुरु पुर्णिमा दोनों एक साथ होने जा रही हैं। 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण होने जा रहा है और इसी दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व भी मनाया जाएगा।

5 जुलाई को लगने वाला चंद्र ग्रहण साल का चौथा ग्रहण होगा। जबकि इस साल का तीसरा चंद्रग्रहण होगा। गुरु पूर्णिमा को लगने वाला यह चंद्रग्रहण 5 जुलाई के दिन सुबह 8:54 से शुरू होगा और 11:21  में समाप्त हो जाएगा इस चंद्रमा ग्रहण की अवधि लगभग 2 घंटे 40 मिनट की रहेगी पिछले 1 महीने में लगने वाला यह ग्रहण तीसरा होगा।

इसके बाद अगला चंद्रग्रहण 30 नवंबर 2020 को लगेगा तथा पूर्ण सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर 2020 को होगा।

 

चंद्र ग्रहण का नहीं लगेगा सूतक

गुरु पूर्णिमा पर लगने वाला यह चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा। भारत में प्रभावशाली नहीं रहेगा। यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। अतः इसका सूतक भी नहीं लगेगा। यह लगातार तीसरा साल है, कि जब ग्रहण गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है। 2018 और 2019 गुरु  पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण का योग बना था। यह ग्रहण भारत में प्रभावशाली तो नहीं है, लेकिन एक महीने में 3  - 3 दिन ग्रहण शुभ संकेत नहीं है।
5 जुलाई चंद्र ग्रहण के दिन चंद्रमा अपने पूरे आकार में नजर आएगा। चंद्रमा कटा हुआ नहीं दिखाई देगा।

 

गुरु पूर्णिमा का महत्व

5 जुलाई को ही गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस पर्व पर गुरु पर अपनी आस्था को प्रकट किया जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर यह पर्व मनाया जाता है। इसी दिन चारों वेदों के रचयिता और महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना करने वाले गुरु महर्षि वेदव्यास जी की जयंती भी मनाई जाती है। वेदों के खंडों का विभाजन करने के कारण इनका नाम वेदव्यास पड़ा। इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं।

 

गुरु पूर्णिमा का पूजन समय

 
गुरु पूर्णिमा के दिन पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय 5 जुलाई 2020 को सुबह 10:17 तक रहेगा।
4 जुलाई 2020 को लगभग 11:36 गुरु पूर्णिमा आरंभ
5 जुलाई 2020 को 10:00 बज कर 16 मिनट पूर्णिमा समाप्त
Astrologer & Vastu Expert सुनील मेहतानी के अनुसार 4 जुलाई को पूर्णिमा लगभग 11:36 से शुरू हो जाएगी जुलाई को सुबह 10:16 तक रहेगी ऐसे में गुरु पूर्णिमा के दिन पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय 5 जुलाई 2020 को सुबह 10:17 तक रहेगा 


करें विधिवत रूप से गुरु का पूजन और प्राप्त करें उनका आशीर्वाद


इस दिन गुरु जनों की पूजा की जाती है। गुरु जो ज्ञान की गंगा बहाते हैं। हमें अंधकार से प्रकाश और ले जाते हैं। उनके प्रति अपनी आस्था प्रकट करने का दिन है गुरु पूर्णिमा। गुरुजनों के आशीर्वाद ही आपके लिए कल्याणकारी ज्ञानवर्धक और आपका हर तरह से मंगल करने मे सहायक होता है।
इस दिन आप अपने गुरु से गुरु मंत्र भी प्राप्त कर सकते हैं।

  1. सुबह उठकर नित्य कर्म को पूरा कर स्नान करें।  यदि हो सके इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठने का प्रयास करें। शुद्ध व साफ वस्त्र धारण करें।
  2. अपने गुरुजनों के दर्शन करें। उन्हें भेट प्रदान करें। वह उनका आशीर्वाद लें। लेकिन करोना कॉल की वजह से आप उनके दर्शन करने नहीं जा सकते, तो उनकी तस्वीर को  पुष्पमाला चढ़ाकर पुष्प अर्पण करें।
  3. यदि गुरु ब्रह्मलीन हो चुके हैं, तो उनकी फोटो के आगे सफेद कपड़ा बिछाकर उन्हें स्थापित कर उनका पूजन करें।
  4. इस दिन आप को अपने गुरु के साथ-साथ बुजुर्गों, अपने माता-पिता आदि का भी आशीर्वाद प्राप्त  करना चाहिए।

हम आशा करते हैं यह गुरु पूर्णिमा आपके लिए अत्यंत शुभकारी रहे। आपको अपने बुजुर्गों व गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त हो।

गुरु पूर्णिमा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं

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